भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ करते हुए ओडिशा सहित देश भर के कई कारीगरों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ओडिशा के पुरी शहर के कारीगर बसंत कुमार राणा को सम्मानित किया।
राणा पिछले कई वर्षों से पुरी श्रीमंदिर के प्रमुख देवताओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई टोपी ताहिया तैयार कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि वह भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के लिए मालाएं भी तैयार करते हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राणा को सम्मानित किया और उन्हें विश्वकर्मा पहचान पत्र प्रदान किया।
प्रधानमंत्री ने देश भर के पारंपरिक कारीगरों के लाभ के लिए विश्वकर्मा योजना शुरू की।
केंद्र ने इस योजना के लिए 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगा।
प्रारंभिक चरण में, बढ़ई, नाव निर्माता, कवच बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर सहित कारीगरों की कम से कम 18 श्रेणियां शामिल हैं। बुनकर, गुड़िया और खिलौना बनाने वाले, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।
वित्त वर्ष 2023-24 से पांच वर्षों में इस योजना के तहत 30 लाख कारीगर परिवारों को कवर किया जाएगा।
योजना के लाभार्थियों को 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, पहली किश्त में 1 लाख रुपये तक संपार्श्विक-मुक्त क्रेडिट सहायता और दूसरी किश्त में 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 2 लाख रुपये और डिजिटल के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। लेन-देन और विपणन समर्थन, सूत्रों ने कहा।